tag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post4431371628918104319..comments2023-10-15T20:20:28.541+05:30Comments on वृद्धग्राम: बर्दाश्त करने की हदharminder singhhttp://www.blogger.com/profile/15795115311326671309noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post-19013820719369225612009-12-30T22:59:04.867+05:302009-12-30T22:59:04.867+05:30कानून का खौफ़ दिखाकर पुलिस वाले गरीब की चमड़ी ही उ...कानून का खौफ़ दिखाकर पुलिस वाले गरीब की चमड़ी ही उधेड़ते हैं... क्योंकि जब सैंय्या भए कोतवाल तो डर काहे हा... लेकिन हरमिंदर जी आपकी इस कोशिश को मैं सलाम करता हूं.. आपके अल्फ़ाज़ दिल में अंदर तक उतर गये... आप ऐसे ही लिखते रहिए..अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post-40870071915414127332009-12-20T15:10:03.840+05:302009-12-20T15:10:03.840+05:30कैदी की डायरी जब मैं लिख रहा था, उस समय कई ऐसे क्ष...कैदी की डायरी जब मैं लिख रहा था, उस समय कई ऐसे क्षण आये जब मैं भी भावुक हो गया था।<br /><br />मैंने इसे तैयार करने के लिए खुद को काफी हद तक भावुक बना दिया ताकि जब इसे पढ़ा जाये तो असलियत उभरती हुई लगे।<br /><br />एक कोशिश है यह कैदी की व्यथा को बताने की, एक मामूली कोशिश<br /><br />धन्यवादharminder singhhttps://www.blogger.com/profile/15795115311326671309noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post-33046698967821459672009-12-20T11:13:33.832+05:302009-12-20T11:13:33.832+05:30जब तक बूंदे न छलकें तब तक वेदना जाती नहीं है और मन...जब तक बूंदे न छलकें तब तक वेदना जाती नहीं है और मन हल्का नहीं होता है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post-34626227918539085822009-12-20T10:12:52.397+05:302009-12-20T10:12:52.397+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6010124414738342053.post-15400664562119691072009-12-20T09:26:11.364+05:302009-12-20T09:26:11.364+05:30बहुत अच्छी लगी ये कहानी। आज पिछली कई पोस्ट्स भी पढ...बहुत अच्छी लगी ये कहानी। आज पिछली कई पोस्ट्स भी पढी। नमन है आपकी कलम को। संवेदनाओं से भरपूर शब्द दिल तक उतर जाते हैं। धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com