Saturday, October 17, 2009
दीवाली पर दिवाला
दीवाली का समय जैसे-जैसे,
करीब आ रहा था,
दम मेरा धीरे-धीरे,
निकला जा रहा था,
अकाल पड़ा है, पानी नहीं बरसा,
कैसे मनेगी दीवाली?
रंग-रोगन, मिठाई, नए कपड़े,
है मेरी जेब खाली,
कहती पत्नि देकर ताने,
‘ये लाओ, वो लाओ,
चरणों में रख दो,
पूरा बाजार ही उठा लाओ।’
बच्चों की समस्या अलग,
कष्ट पहुंचाने की,
कुछ मेरी जेब,
कुछ मुझे खाने की,
‘नहीं पापा हम एटम-बम,
रोकेट छोड़ेंगे जरुर’,
बच्चे मेरे हैं, मेरे जैसे,
नहीं उनका कसूर।
हद कर दी दीवाली ने,
दिवाला निकलवा दिया,
जेब में धमाका, कड़का कर,
कड़का बना दिया,
शपथ लेता हूं,
होगी नहीं आगे ऐसी बर्बादी,
शपथ तोड़ता हूं,
मैंने जो कर रखी है शादी।
-हरमिन्दर सिंह
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हमारे प्रेरणास्रोत | हमारे बुजुर्ग |
...ऐसे थे मुंशी जी ..शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय काम था मुंशी जी का ...अपने अंतिम दिनों में | तब एहसास होगा कि बुढ़ापा क्या होता है? सम्मान के हकदार नेत्र सिंह रामकली जी दादी गौरजां |
>>मेरी बहन नेत्रा >>मैडम मौली | >>गर्मी की छुट्टियां >>खराब समय >>दुलारी मौसी >>लंगूर वाला >>गीता पड़ी बीमार | >>फंदे में बंदर जानवर कितना भी चालाक क्यों न हो, इंसान उसे काबू में कर ही लेता है। रघु ने स्कूल से कहीं एक रस्सी तलाश कर ली. उसने रस्सी का एक फंदा बना लिया |
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सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य गिरीराज सिद्धू ने व्यक्त किया अपना दुख बुढ़ापे का सहारा गरीबदास उन्हीं की श्रेणी में आते हैं जिन्हें अपने पराये कर देते हैं और थकी हड्डियों को सहारा देने के बजाय उल्टे उनसे सहारे की उम्मीद करते हैं |
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अपने याद आते हैं राजाराम जी घर से दूर रह रहे हैं। उन्होंने कई साल पहले घर को अलविदा कह दिया है। लेकिन अपनों की दूरी अब कहीं न कहीं परेशान करती है, बिल्कुल भीतर से |
दैनिक हिन्दुस्तान और वेबदुनिया में वृद्धग्राम |
ब्लॉग वार्ता : कहीं आप बूढ़े तो नहीं हो रहे -Ravish kumar NDTV | इन काँपते हाथों को बस थाम लो! -Ravindra Vyas WEBDUNIA.com |
आपकी चिंता बिल्कुल जायज है.।
ReplyDeleteनिशि दिन खिलता रहे आपका परिवार
ReplyDeleteचंहु दिशि फ़ैले आंगन मे सदा उजियार
खील पताशे मिठाई और धुम धड़ाके से
हिल-मिल मनाएं दीवाली का त्यौहार
सही कहा !!
ReplyDeleteपल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
ReplyDeleteदीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
सादर
-समीर लाल 'समीर'